Hello Friends! In Previous Post, we discuss Network Security Kya hai ?. So Today we discuss Cryptography क्या है? ( What is Cryptography in Hindi ?). It is a very useful technique for every user who sends information or any data through the Internet.
If we send any information through the Internet then we need to secure our data that no 3rd-Party(Hackers, worms, virus) can access and know that what we send so we need to use Cryptography technique to encrypt our data by use keys. So Read more About Cryptography
लिये किया जाता है। यह अनधिक्रित व्यक्ति या उपयोगकर्ता के समूह को किसी भी गोपनीय data तक पहुचने से रोकने के में सहायक है ।
Encrypt और Decrypt ,Cryptography के दो आवश्यक कार्य है ।
Network पर भेजा गया एक message data Encryption के रुप में जाना जाने वाला एक अपरिचित encrypted(unrecognizable/unreadable encrypted) message मे बदल देता है ।
Receiving end पर, प्राप्त message को उसके मूल रुप(original form) में परिवर्तित (Decrypt) किया जाता है जिसे Decryption कहा जाता है ।
(unrecognizable form) में बदल देती है । Message का यह नया form मूल संदेश(original message) से पुरी तरह अलग होता है ।
Sender,message को encrypt करने के लिये एक Encryption algorithm का उपयोग करते है । यही reason है कि एक data को पढने में सक्षम नही होता है । Encryption के लिये आमतौर पर key algorithm का उपयोग किया जाता है ।
या computer द्वारा read और समझने योग्य होता है । Encrypted data को cipher text कहा जाता है और जो original data होता है उसे plain text कहा जाता है ।
इसके लिये भी एक key की आवश्यकता होती है जिससे कि data decrypt हो सके ।
को बढाता है ।
asymmetric Encryption में किया जाता है क्योकि हम data को encrypt और decrypt करने के लिये के लिये एक ही key का उपयोग कर सकते है ।
इस प्रणाली को Private or Secret key Cryptography भी कहा जाता है और AES(Advanced Encryption System) सबसे व्यापक रुप से Symmetric-key Cryptography का use करता है ।
Symmetric key Cryptography में एक big problem है कि इसमे केवल एक ही key का उपयोग Encryption और Decryption process के लिये होता है इसलिये दोनो पक्षो को किसी न किसी तरह से key को secure तरीके से exchange करना चाहिये ।
etc.
Private key को प्रत्येक उपयोगकर्ता के साथ एक secret के रुप में रखा जाता है और public key को network पर share कर दिया जाता है,इसलिये यदि कोइ भी किसी भी उपयोगकर्ता को message भेजना चाहता है, तो वह public key का उपयोग करता है ।
message को encrypt करने के लिये Public key का उपयोग किया जाता है और message को decrypt करने के लिये Private key का उपयोग किया जाता है । Asymmetric key Cryptography को public key Cryptography के रुप में भी जाना जाता है और symmetric key की तुलना में अधिक secure है ।
RSA सबसे लोकप्रिय और व्यापक रुप से उपयोग किया जाने वाला Asymmetric algorithm है ।
cryptography.
fixed length में output देता है । Hash function को गणितीय समीकरण के रुप में भी माना जाता है जो संख्यात्माक input लेता है और output produce करता है जिसे hash या संदेश डाइजेस्ट(message digest) कहा जाता है ।
यह प्रणाली एक-तरफा तरिके(one way manner) से operator होती है और इसके लिये किसी कुंजी(key) की आवश्यकता नही होती है । इसके अलावा, इसे modern cryptography के building blocks रुप में माना
जाता है ।
Hash function इस तरह से कम करता है कि यह निश्चित लम्बाई के बाइनरी data के दो blocks पर operate होता है और फिर एक hash code उत्पन्न करता है । Hashing operations के विभिन्न round होते हैं और हर round input को recent के block की एक array के रुप में मानता है और output के रुप में अंतिम round गतिविधि(activity) को उत्पन्न (generate) करता है ।
Types:-
कुछ popular hash function इस प्रकार है-
Message Digest 5(MD5), SHA(Secure Hash Algorithm), RIPEMD, and Whirlpool.
तो दोस्तों मै आशा करता हूँ की आपको ये Post पसंद आई होगी। अगर आप को ये Post थोड़ी सी भी Useful/Helpful लगी हो Please Follow and Comment जरुर करे और इसे अपने दोस्तों के साथ Share करे! धन्यबाद|
If we send any information through the Internet then we need to secure our data that no 3rd-Party(Hackers, worms, virus) can access and know that what we send so we need to use Cryptography technique to encrypt our data by use keys. So Read more About Cryptography
Cryptography Kya Hai in Hindi
Cryptography का उपयोग communication के दौरान data को secure और protect करने केलिये किया जाता है। यह अनधिक्रित व्यक्ति या उपयोगकर्ता के समूह को किसी भी गोपनीय data तक पहुचने से रोकने के में सहायक है ।
Encrypt और Decrypt ,Cryptography के दो आवश्यक कार्य है ।
Network पर भेजा गया एक message data Encryption के रुप में जाना जाने वाला एक अपरिचित encrypted(unrecognizable/unreadable encrypted) message मे बदल देता है ।
Receiving end पर, प्राप्त message को उसके मूल रुप(original form) में परिवर्तित (Decrypt) किया जाता है जिसे Decryption कहा जाता है ।
Encryption kya hai:
Encryption एक ऐसी प्रक्रिया है जो मूल जानकारी (original information) को एक अपरिचित रुप(unrecognizable form) में बदल देती है । Message का यह नया form मूल संदेश(original message) से पुरी तरह अलग होता है ।
Message के मूल रूप(original form) को plain text तथा नये form को cipher text कहा जाता है । इस प्रकार plain-text को cipher text में बदलना Encryption कहलाता है ।
Sender,message को encrypt करने के लिये एक Encryption algorithm का उपयोग करते है । यही reason है कि एक data को पढने में सक्षम नही होता है । Encryption के लिये आमतौर पर key algorithm का उपयोग किया जाता है ।
Decryption kya hai:-
Encryption (encoded/encrypted data) को एक ऐसे रुप मे परिवर्तित करने कि एक प्रक्रिया है जो humanया computer द्वारा read और समझने योग्य होता है । Encrypted data को cipher text कहा जाता है और जो original data होता है उसे plain text कहा जाता है ।
इस प्रकार cipher text को plain text में बदलना Decryption कहलाता है ।
इसके लिये भी एक key की आवश्यकता होती है जिससे कि data decrypt हो सके ।
Types of Keys
1.Symmetric Key:
Symmetric key Encryption वे algorithm होते हैं जो plain text के Encryption और cipher text के Decryption दोनो के लिये एक ही Cryptographic Key का उपयोग करते हैं ।2.Asymmetric Key:
Asymmetric Encryption, Encryption के लिये 2 pair key का उपयोग करता हैं । Public Key सबके लिये भी उपलब्ध होती है जबकि secret key केवल message के receiver को उपलब्ध कराई जाती है । यह Securityको बढाता है ।
3.Public Key:
Public Key Cryptography एक Encryption प्रणाली है जो दो pair key पर आधारित हैं । Public Key का उपयोग एक receiver के लिये messages को encrypt करने के लिये किया जाता है ।4.Private Key:
Private Key, public/private asymmetric key pair का हिस्सा हो सकती है । इसका उपयोगasymmetric Encryption में किया जाता है क्योकि हम data को encrypt और decrypt करने के लिये के लिये एक ही key का उपयोग कर सकते है ।
5.Preshared key:
Cryptography में, Preshared key(PSK) एक shared secret key है जिसे पहले दोनो पक्षो के बीच secure chanel का उपयोग करने से पहले share किया गया था ।Types of Cryptography:
- Symmetric Key Cryptography
- Asymmetric key Cryptography
- Hash Function
1.Symmetric Key Cryptography:
Symmetric key Cryptography एक प्रकार की Cryptography है जिसमें message के Encryption और Decryption के लिये sender और receiver दोनो द्वारा single common key का use किया जाता है ।
इस प्रणाली को Private or Secret key Cryptography भी कहा जाता है और AES(Advanced Encryption System) सबसे व्यापक रुप से Symmetric-key Cryptography का use करता है ।
Symmetric key Cryptography में एक big problem है कि इसमे केवल एक ही key का उपयोग Encryption और Decryption process के लिये होता है इसलिये दोनो पक्षो को किसी न किसी तरह से key को secure तरीके से exchange करना चाहिये ।
Types:
AES(Advanced Encryption Standard),DES,Triple DES,RC2,RC4,Stream cipher,Block cipher,etc.
2.Asymmetric key Cryptography:
Asymmetric key Cryptography पूरी तरह से अलग है और Symmetric key Cryptography की तुलना में अधिक secure approach है । इस system में, हर उपयोगकर्ता Encryption और Decryption प्रक्रिया के लिये दो key या keys की एक जोडी. (private key और public key) का उपयोग करता है ।Private key को प्रत्येक उपयोगकर्ता के साथ एक secret के रुप में रखा जाता है और public key को network पर share कर दिया जाता है,इसलिये यदि कोइ भी किसी भी उपयोगकर्ता को message भेजना चाहता है, तो वह public key का उपयोग करता है ।
message को encrypt करने के लिये Public key का उपयोग किया जाता है और message को decrypt करने के लिये Private key का उपयोग किया जाता है । Asymmetric key Cryptography को public key Cryptography के रुप में भी जाना जाता है और symmetric key की तुलना में अधिक secure है ।
RSA सबसे लोकप्रिय और व्यापक रुप से उपयोग किया जाने वाला Asymmetric algorithm है ।
Types:
RSA,DSA,PKCs,Elliptic Curve techniques,etc. are the common types of asymmetric keycryptography.
3. Hash function kya hai :-
एक hash function एक cryptography algorithm है जो arbitary length का input लेता है औरfixed length में output देता है । Hash function को गणितीय समीकरण के रुप में भी माना जाता है जो संख्यात्माक input लेता है और output produce करता है जिसे hash या संदेश डाइजेस्ट(message digest) कहा जाता है ।
यह प्रणाली एक-तरफा तरिके(one way manner) से operator होती है और इसके लिये किसी कुंजी(key) की आवश्यकता नही होती है । इसके अलावा, इसे modern cryptography के building blocks रुप में माना
जाता है ।
Hash function इस तरह से कम करता है कि यह निश्चित लम्बाई के बाइनरी data के दो blocks पर operate होता है और फिर एक hash code उत्पन्न करता है । Hashing operations के विभिन्न round होते हैं और हर round input को recent के block की एक array के रुप में मानता है और output के रुप में अंतिम round गतिविधि(activity) को उत्पन्न (generate) करता है ।
Types:-
कुछ popular hash function इस प्रकार है-
Message Digest 5(MD5), SHA(Secure Hash Algorithm), RIPEMD, and Whirlpool.
MD5 आपके password और निजी data को encrypt और सुरक्षित करने के लिये सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला hash function है ।
Final Word -
तो दोस्तों आज मैंने आप सभी को What is Cryptography in Hindi | Cryptography क्या है ? पूरी जानकारी हिंदी में बताया हूँ| अगर आपको कोई भी Doubte हो तो Comment करके जरुर पूछे ।तो दोस्तों मै आशा करता हूँ की आपको ये Post पसंद आई होगी। अगर आप को ये Post थोड़ी सी भी Useful/Helpful लगी हो Please Follow and Comment जरुर करे और इसे अपने दोस्तों के साथ Share करे! धन्यबाद|
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